ये तो अपनी अपनी पसंद की बात है। महाभारत के सभी योद्धा अतुलनीय है और उनकी आपस मे तुलना करना सही नही है लेकिन फिर भी उत्तर देने का प्रयास करता हूँ।
अगर मुख्य योद्धाओं की बात की जाए तो श्रीकृष्ण, बलराम, कर्ण, अर्जुन, भीम एवं द्रोण असाधारण योद्धा थे। उनके अतिरिक्त दुर्योधन, अश्वत्थामा, घटोत्कच, अभिमन्यु, सात्यिकी, कृपाचार्य, धृष्टधुम्न, भगदत्त और जरासंध का भी कोई मुकाबला नही था। घटोत्कच का पुत्र बर्बरीक अपनी शक्ति के लिए प्रसिद्ध था और ये कहा जाता है कि वो अकेले ही महाभारत का युद्ध समाप्त कर सकता था, लेकिन उससे पहले ही कृष्ण ने उसका शीश माँग लिया।
लेकिन अगर मेरा व्यक्तिगत मत माँगा जाए तो मैं भीष्म को सर्वाधिक भीषण योद्धा मानता हूँ। वे अजेय और अवध्य थे और यहाँ तक कि विष्णु अवतार भगवान परशुराम भी उन्हें परास्त नही कर सके। ब्रह्मास्त्र सहित समस्त दिव्यास्त्रों का उन्हें ज्ञान था और उसके अतिरिक्त उनके पास प्रस्वपस्त्र भी था जो और किसी के पास भी नही था। संसार का हर बड़ा योद्धा उनसे परास्त हुआ था और उन्होंने अकेले ही विश्व के सभी योद्धाओं को अम्बा के स्वयंवर में परास्त कर दिया था। यही नही उन्होंने अकेले ही हिमालय में किरातों को पराभूत किया था। सबसे बड़ी बात कि उन्होंने कभी भी अधर्मपूर्वक युद्ध नही किया। विश्व मे उनके अतिरिक्त ऐसा कोई भी योद्धा नही है जिन्होंने एक बार भी बिना छल किये हुए सभी युद्ध जीते हो।
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