Thursday, November 28, 2019

अर्जुन की पहली पत्नी का क्या नाम था?

महाभारत में अर्जुन की चार पत्नियों के नाम मिलते हैं।

द्रौपदी स्वयंवर में लक्ष्य वेधन करके उन्होंने द्रौपदी से विवाह किया था यद्यपि पाण्डवों के सामूहिक निर्णय और अन्य प्रमुख लोगों की सहमति से द्रौपदी का विवाह उनके अतिरिक्त अन्य पाण्डवों से भी हुआ था। इसके बाद पाण्डवों ने आपस में यह नियम बनाया कि किसी एक पाण्डव के साथ द्रौपदी के रहने पर अन्य कोई पाण्डव उस कक्ष में नहीं जाएगा और यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करेगा तो वह बारह वर्ष तक वनवास करके इसका प्रायश्चित करेगा। किसी समय अर्जुन को अपना धनुष लेने के लिए द्रौपदी के कक्ष में उस समय जाना पड़ा जब युधिष्ठिर उसके साथ थे। इसे नियम का उल्लंघन मानकर अर्जुन युधिष्ठिर के मना करने पर भी वनवास के लिए निकल गये। इस वनवास के दौरान अर्जुन ने पहले नागकन्या उलुपी और इसके बाद मणिपुर की राजकुमारी चित्राङ्गदा से विवाह किया। इसके बाद द्वारका प्रवास के दौरान वह भगवान कृष्ण की बहिन सुभद्रा पर आसक्त हो गये और उनकी सहमति से उन्होंने सुभद्रा का अपहरण कर लिया। कृष्ण के समर्थन के कारण वे इस विवाह के लिए यादवों की सम्मति प्राप्त करने में सफल हुए और विवाह के बाद सुभद्रा के साथ कुछ दिन तक द्वारिका रहने के बाद वे वनवास पूरा करके इन्द्रप्रस्थ आये।

अतः कालक्रम के विचार से द्रौपदी ही अर्जुन की पहली पत्नी सिद्ध होती है। वह सम्भवतः सभी पाण्डवों की पहली पत्नी थी। (यद्यपि भीमसेन का विवाह हिडिम्बा से पहले होने का उल्लेख है पर यह प्रतीत होता है कि राक्षस व मानव समाज की रीतियाँ भिन्न होने के कारण इस विवाह को धार्मिक विवाह नहीं स्वीकार किया गया था। प्राचीन परम्परा के अनुसार बड़े भाई के अविवाहित रहते हुए छोटे भाई का विवाह वर्जित था।) युधिष्ठिर, भीम, नकुल व सहदेव के अन्य विवाहों की चर्चा तो मिलती है पर उनके कालक्रम का कोई उल्लेख नहीं मिलता। द्रौपदी स्वयंवर के दौरान युधिष्ठिर के अपने अविवाहित रहने के बारे में स्पष्ट कथन और उस समय की परिस्थितियों को देखते हुए यह पूरी सम्भावना है कि ये विवाह बाद में ही हुए होगें।

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