एक छोटी सी कहानी सुने.
एक बार एक शेरनी की छलांग लगते समय बच्चे का जन्म हो गया और वह शेर का बच्चा एक भेड़ों के झुण्ड में जा गिरा .फिर क्या था भेड़ो में ही पला और भेड़ों की तरह ही जीने लगा .फिर तो भेड़ो जैसा खाता बैसे हे चलता और तो और भेड़ों की तरह मिमियाता भी था ,शेर के दहाड़ उसने जानी ही नहीं थी दहाड़े कहाँ से . यानि वह पूरे तरह भेड मानकर ही जीने लगा
एक बार एक बूढ़े शेर ने उस भेड़ों के झुण्ड का पीछा किया तो उस शेर के बच्चे या कहें शेर को देख कर दंग रह गया . बूढ़े शेर ने उसको रोकना चाहा तो भेड की तरह दूर भागने लगा वह अपने जैसे शेर को न पहचान पाया . लेकिन बूढ़े शेर ने उसको पकड़ लिया लेकिन कुछ कहा नहीं वह दहाड़ा नहीं ,वह उस शेर के बच्चे को नदी के किनारे ले गया.वहां उसे पानी में उसे उसका चेहरा दिखाया ,अपना चेहरा देख कर उसे समझ आया कि वह तो उस बूढ़े शेर जैसा है भेद नहीं .बस वह शेर जैसे गहरे स्वप्न से जगा हो फिर तो वह शेर हो गया और दहाड़ने लगा .
बस इसी शेर कि तरह कृष्ण के समय के लोग और आज हम भी गहरी निद्रा में है ,वह शेर तो ज्यादा ज्ञान नहीं रखता था ,हमारे पास एक अज्ञान से भरा ज्ञान ही उसी कि निद्रा है ,कोई जगाता है तो हम सुनते नहीं है
और वह जाग्रत ब्यक्ति कुछ ज्यादा कहता हे तो हम उसे बदनाम करने कि कोशिश करते है
वही कृष्ण के साथ हुआ और आज भी हो रहा है
१.किसी ने माखना चोर कहा :
इसके पीछे कृष्णा समझा रहे थे कि ,सारे वृन्दवन बाले अपना दूध मक्खन कंस के यहाँ देते थे खुद नहीं खाते थे इसलिए कृष्ण ने माखन लूट और चोरी करके उनकी दूध मक्खन बेचने की आदत छुड़ाई
२.रणछोड़ :
कृष्णा ने कहा था युद्ध से कोई लाभ नहीं है ,हमारा देश आपस में लड़कर ही तो बर्बाद हुआ है.
३.महाभारत
कृष्ण महाभारत कभी नहीं चाहते थे ,खुद शांति दूत बने द्रोपती को समझया ,कर्ण,भीष्म आदि से युद्ध में शामिल न होंने को कहा
गीता में जीवन का ज्ञान विज्ञानं बताया ,युद्ध के लिए नहीं कहा था ,अर्जुन युद्ध से नहीं भाग रहा था ,उसे अपने परिजनों की मृत्यु में अपनी मृत्यु दिख रही थी तो कृष्ण को उसे समझने के लिए १८ अध्याय की गीता बताई .
लेकिन हमारा मन हिंसा से भरा है तो कृष्ण की गीता तो पढ़ते समझते नहीं और गीता से बचने के लिये तरह तरह के आरोपों से कृष्ण में खोट ढूढते है.
गोपियों कि साथ राश
हमें स्त्री पुरुष के साथ रहने पर काम बसना ही नज़र आते है .
कृष्ण के बारे में एक महान बात है :
वह खुद १००% पुरुष के शरीर में थे ,साधारण पुरुष काम क्रिया के लिए कुछ स्त्री का कुछ % चाहिए ,कृष्णा का १००% स्त्री रूप राधा है इसलिए कृष्ण ही राधा ही कृष्ण है .इस रूप में कामवासना की कोई बात हो ही नहीं सकती इसलिए उनके कोई संतान नहीं थी लेकिन कृष्ण ने स्त्री या पुरुष से भागने को नहीं कहा ये कोई अपराध नहीं है ,लेकिन किसी भी काम को गलत तरीके से करना तो गलत ही होगा न.
१.कृष्ण के बारे में सबसे बड़ी बात है कि उनका जन्म उस समय से बहुत पहले हुआ जब कि उनको समझा जा सके ,इसलिए कृष्ण को समझा नहीं गया और उनके समय में ही उनके बारे में बहुत भ्रान्ति हुई और वह ही कुछ ग्रंथों में लिख गयी और लोगों में चलती रही है
२.विज्ञानं के अनुसार मनुष्य बंदरों से बना और उसके चेतना में लगातार विकास हो रहा है ,कृष्ण आज से करीब ५००० साल पहले हुए ,उस समय साधारण मनुष्य की चेतना में उतना विकास नहीं हुआ था कि कृष्ण जैसे जाग्रत बुद्ध पुरस आत्मज्ञानी या कहे कि अवतार को समझा जा सकता
३.आज मनुष्य की चेतना में विकास हुआ है तो कृष्ण को कुछ हद तक समझा जा सकता है ,लेकिन पूरी तरह समझने के लिए चेतना में और विकास या फिर जाग्रती की जरूरत है.
४. कृष्ण ने जीवन के लिए उपयोगी बातें जीवन भर बताई जो कि उस समय के लोगों और आज भी हमें नहीं भाती क्योकि इतनी जागृती नहीं है ,हम भीड़ के साथ चलना पसंद करते है
५.इसलिए हम गीता को घर में या मंदिरों में रखकर पूजा करदेते है और साथ में कृष्ण कि पूजा भी कर देते है
६. कृष्ण ने वर्तमान में जीने का सन्देश दिया .हम या तो भूत काल को याद करके दुखी होते है या फिर भविष्य के सपने देखते है ,इसलिए भागते ही रहते है ।
सपने तो सपने होते है वह पूरे कभी नहीं होंगे ,कल अगर आएगा तो आज बन कर ही आएगा अतः वर्तमान में रहकर जीवन का आनंद लें
खुद का सम्मान करें , हम सबको ईश्वर ने पूर्ण बनाकर भेजा है और जो ईश्वर नहीं कर सका उसे मनुष्य कैसे पूरा कर सकता है
अतः जागें खुद को पहचानें रामायण में कहा गया है
बड़े भाग्य मनुष्य तन पाया । सुर दुर्लभ गन ग्रंथन गावा ॥
देवता भी इस तन को तरशते है क्योंकि ईश्वर और प्रकृति की बनाई मनुष्य योनि अंतिम है ,इसी शरीर में राम,कृष्ण ,बुद्ध,महावीर आदि अवतार आये खुद मोक्ष को प्राप्त हुए और लाखों लोगो को जगाया और आज भी उन जैसे सद्गुरु और बुद्ध पुरुष हमारे आसपास है हमें सिर्फ जागकर देखना है.ढूंढने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी
आज तो इंटरनेट और मीडिया का जमाना है ट्विटर ,फेसबुक, you tube तक पर सन्देश देते रहते है
जिस तरह कृष्ण को उनके युग में नहीं समझा गया हम आज भी मौका चूक रहे है ॥
अतः जागें जब जागो तभी सवेरा है।
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