श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे, श्रीकृष्ण ने अपने पूरे जीवन काल मे बहुत सारी लीलायें की, प्रत्येक लीला के पीछे कोई ना कोई रहस्य छिपा होता था ।
महाभारत युद्ध के प्रत्येक दिन भगवान श्रीकृष्ण मूंगफली खाते तथा फिर युद्ध की ओर प्रस्थान करते। ये उनका रोज का नियम बन चुका था, युद्ध शुरू होने से पूर्व वे कुछ मूंगफलियां अपने मुंह में डाल लेते। वास्तव में भगवान श्री कृष्ण के मूंगफली खाने के पीछे एक गहरा रहस्य छिपा हुआ था, जिसे सिर्फ एक ही व्यक्ति जानता था और वे थे उडुपी राज्य के राजा।
अब कथा क्या है ये पढ़िये 👇
इस अनोखे रहस्य के पीछे कथा है कि जब पांडवों और कौरवोंं के बीच युद्ध छिड़ा तो दोनों पक्षो ने देश-विदेश के राजाओं को युद्ध में उनकी तरफ से सम्मिलित होने के लिए सन्देश भेजा। सूचना मिलते ही अनेक राजा युद्ध में सम्मलित होने पहुंच गए। इनमें से कुछ पांडवोंं तो कुछ कौरवोंं की ओर से युद्ध में उतरे। उन राजाओं में से एक राजा ऐसे भी थे जो किसी के पक्ष से न लड़ते हुए भी युद्ध में सम्मलित हुए। वे उडुपी राज्य के राजा उडुपी।
दरअसल उडुपी राज्य के राजा पांडवों या कौरवों किसी के पक्ष से नहीं लड़े। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से कहा की महाभारत के इस भीषण युद्ध में लाखों योद्धा शामिल होंगे और युद्ध करेंगे परन्तु शाम को युद्ध समाप्त होने के बाद जब ये वापस अपने शिविर में आएंगे तो इन्हें भोजन की आवश्यकता होगी। अतः हे वासुदेव श्री कृष्ण मैं चाहता हूं कि मैं पांडव एवम कौरव दोनों पक्षो के सैनिकों के लिए भोजन का प्रबंध करूं।
भगवान श्री कृष्ण राजा की इस बात से बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने राजा उडुपी को आज्ञा दे दी, लेकिन अब राजा उडुपी के सामने एक नई समस्या उतपन्न हो गई। समस्या यह थी की कैसे निश्चित किया जाए की हर दिन युद्ध समाप्त होने के पश्चात सैनिकों के लिए कितना खाना बनाया जाए, क्योकि युद्ध में हर दिन अनेकों सैनिक मारे जाते थे। ऐसे में यदि किसी दिन कम खाना बनाया जाए तो उस दिन सैनिक भूखे मर जाएंगे और जिस दिन यदि खाना ज्यादा बन जाए तो बर्बाद होने पर अन्नपूर्णा का अपमान होगा।
उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के समक्ष जाकर अपनी समस्या रखी। श्री कृष्ण यह सुनकर और ज्यादा खुश हुए ऐसी दशा में राजा को अन्नपूर्णा की कितनी फिक्र है। उन्होंने इस समस्या को सुलझाने के लिए कहा की महाभारत युद्ध के दौरान हर दिन मैं मूंगफली के कुछ दाने खाऊंगा। मुगफली के जितने दाने मैं एक दिन में खाऊंगा समझ लेना उतने हजार सैनिक उस दिन युद्ध में मारे जाएंगे। इस तरह भगवान श्री कृष्ण ने राजा उडुपी के सामने एक बहुत बड़ा रहस्य खोलकर रख दिया। कहा जाता है कि जिस कारण से युद्ध में सैनिकों को पर्याप्त भोजन खाने को मिला और एक भी दिन भोजन बर्बाद नहीं हुआ।
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